दुआ करो दोस्तो
दुआ करो दोस्तो
दुआ करो दोस्तो
गम की चिंगारी भड़क जाए
बेहतर है होना है जो
एक बार हो जाए
काश गम मैं
खुशी तू हो जाए
कौन अपना कौन पराया
मत भर दम दोस्ती का
जिंदगी मैं तेरी
तू मेरी मौत हो जाए
हंसी का फव्वारा बनो तुम
पगला दीवाना ये
जलती बुझती चिता हो जाए
धोखे से कभी उभरा नहीं
गम में कभी बिखरा नहीं
कौन सी गम की महफिल
रौनक बगैर मेरे हुई
गुजर जाना हद से परे
अंदाज यही रहा
क्या कहती भीगी ऑंखें मेरी
कोई समझ सका नहीं
क्या मुकद्दर लिखा खुदा ने
निकल गई उम्र सारी
खुशी से कभी सामना हुआ नहीं
मुकाम ऐसा भी आया
आंसू भर गई मुस्कुराहट तेरी
तासीर क्या है तेरे प्यार की
रिमझिम रिमझिम बादल कि
जलते बुझते अंगारे
थक हार आखिरकार
चुन ली गम की चौखट
क्योंकि
मरने की बात करना गुनाह है
गम खाने को जिंदा रहना है
छिपे अंगारे
काश खाली हो जाए
निजात मिले गमे जिंदगी से
सारे गम निपट जाए
दुआ करो दोस्तो
गम की चिंगारी भड़क जाए
बेहतर है होना है जो
एक बार हो जाए
होना है जो
एक बार हो जाए
मौलिक रचना
उदयवीर भारद्वाज
भारद्वाज भवन
मंदिर मार्ग कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश 176001
मोबाइल 94181 87726
Gunjan Kamal
20-Jun-2023 07:30 AM
👏👌
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वानी
11-Jun-2023 03:12 PM
Beautiful
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Punam verma
10-Jun-2023 08:51 AM
Very nice
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